Full Gayatri Chalisa PDF – Lyricsbroker

Full Gayatri Chalisa Pdf : Sung by Devaki Pandit from album chalisa darshan. Presented on Youtube Vedic Box. 


Full Gayatri Chalisa PDF – Lyricsbroker

[ PDF Below ]


॥ दोहा ॥

हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड ।

शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥


जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम ।

प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम ॥


॥ चालीसा ॥


भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी ।

गायत्री नित कलिमल दहनी ॥१॥


अक्षर चौबिस परम पुनीता ।

इनमें बसें शास्त्र, श्रुति, गीता ॥


शाश्वत सतोगुणी सतरुपा ।

सत्य सनातन सुधा अनूपा ॥


हंसारुढ़ सितम्बर धारी ।

स्वर्णकांति शुचि गगन बिहारी ॥४॥


पुस्तक पुष्प कमंडलु माला ।

शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ॥


ध्यान धरत पुलकित हिय होई ।

सुख उपजत, दुःख दुरमति खोई ॥


कामधेनु तुम सुर तरु छाया ।

निराकार की अदभुत माया ॥


तुम्हरी शरण गहै जो कोई ।

तरै सकल संकट सों सोई ॥८॥


सरस्वती लक्ष्मी तुम काली ।

दिपै तुम्हारी ज्योति निराली ॥


तुम्हरी महिमा पारन पावें ।

जो शारद शत मुख गुण गावें ॥


चार वेद की मातु पुनीता ।

तुम ब्रहमाणी गौरी सीता ॥


महामंत्र जितने जग माहीं ।

कोऊ गायत्री सम नाहीं ॥१२॥


सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै ।

आलस पाप अविघा नासै ॥


सृष्टि बीज जग जननि भवानी ।

काल रात्रि वरदा कल्यानी ॥


ब्रहमा विष्णु रुद्र सुर जेते ।

तुम सों पावें सुरता तेते ॥


तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे ।

जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे ॥१६॥


महिमा अपरम्पार तुम्हारी ।

जै जै जै त्रिपदा भय हारी ॥



 

पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना ।

तुम सम अधिक न जग में आना ॥


तुमहिं जानि कछु रहै न शेषा ।

तुमहिं पाय कछु रहै न क्लेषा ॥


जानत तुमहिं, तुमहिं है जाई ।

पारस परसि कुधातु सुहाई ॥२०॥


तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई ।

माता तुम सब ठौर समाई ॥


ग्रह नक्षत्र ब्रहमाण्ड घनेरे ।

सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे ॥


सकलसृष्टि की प्राण विधाता ।

पालक पोषक नाशक त्राता ॥


मातेश्वरी दया व्रत धारी ।

तुम सन तरे पतकी भारी ॥२४॥


जापर कृपा तुम्हारी होई ।

तापर कृपा करें सब कोई ॥


मंद बुद्घि ते बुधि बल पावें ।

रोगी रोग रहित है जावें ॥


दारिद मिटै कटै सब पीरा ।

नाशै दुःख हरै भव भीरा ॥


गृह कलेश चित चिंता भारी ।

नासै गायत्री भय हारी ॥२८ ॥


संतिति हीन सुसंतति पावें ।

सुख संपत्ति युत मोद मनावें ॥



 

भूत पिशाच सबै भय खावें ।

यम के दूत निकट नहिं आवें ॥


जो सधवा सुमिरें चित लाई ।

अछत सुहाग सदा सुखदाई ॥


घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी ।

विधवा रहें सत्य व्रत धारी ॥३२॥


जयति जयति जगदम्ब भवानी ।

तुम सम और दयालु न दानी ॥


जो सदगुरु सों दीक्षा पावें ।

सो साधन को सफल बनावें ॥


सुमिरन करें सुरुचि बड़भागी ।

लहैं मनोरथ गृही विरागी ॥


अष्ट सिद्घि नवनिधि की दाता ।

सब समर्थ गायत्री माता ॥३६॥


ऋषि, मुनि, यती, तपस्वी, जोगी ।

आरत, अर्थी, चिंतित, भोगी ॥


जो जो शरण तुम्हारी आवें ।

सो सो मन वांछित फल पावें ॥


बल, बुद्घि, विघा, शील स्वभाऊ ।

धन वैभव यश तेज उछाऊ ॥


सकल बढ़ें उपजे सुख नाना ।

जो यह पाठ करै धरि ध्याना ॥४०॥


॥ दोहा ॥

यह चालीसा भक्तियुत, पाठ करे जो कोय ।

तापर कृपा प्रसन्नता, गायत्री की होय ॥


Get Full Gayatri Chalisa PDF


Full-Gayatri-Chalisa-PDF

Gayatri Chalisa Song credits :-

Song : Gayatri Chalisa

Artist : Devaki Pandit

Album : Chalisa Darshan

Gayatri Chalisa Video Song :

Leave a Comment

error: Content is protected !!